सैय्यद जाकिर,
जिल्हाप्रतिनिधि वर्धा
हिंगणघाट: शहर में जब कभी कुदरती आपदा आती है तो हम असहाय हो जाते है ।लेकिन इंसानो द्वारा बनाई गई कुछ वस्तुएं तैयार कर इस आपदा पर रुकावट के कार्य कर सकते है बीते वर्ष तूफानी बारिश से जूनि बस्ती में लोगो के घर संपत्ति का भारी मात्रा में नुकसान हुआ था। तूफानी बारिश से बोर्धरण लबालब भर गये थे। शहर के नाले में प्रवेश करने वाला गन्दे पानी से डाब निर्माण हो गया था। पानी का बहाव वापस हो रहा था।। अब यह कैसे हुआ?इस पर पूरी तरह से जाँच करते है ।जब ज्यादा बारिश ने पर नदी- नाले भर जाते है ।इससे पानी स्थिर हो जाता है ।ऐसी स्थिति में बोर धरण का पानी छोड़ने से शहर का गन्दा पानी कहां जाएगा। वजह जान ने के बाद शहर में 12 फूट का बड़ा नाला है ।पिली मस्जिद तक है ।और पिली मस्जिद से वना नदी तक 4 फुट की नाली होने से बड़े नाले का पानी 4 फुट की नाली होने सर उसमे डाब होने पर शहर से आने वाले गन्दे पानी का आगमन 12 फुट के बड़े नाले का पानी 4 फुट की नाली में कैसे प्रवेश करेंगा। यह गम्भीर समस्या है। यह पानी शहर की जूनि- बस्ती, विठ्ठल मंदिर वार्ड,गाडगे बाबा चौक,तेली पूरा चौक, डांगरी वार्ड, और दो मुखी नल(दो तोड्या नल)के परिसर में रहने वाली जनता के घरों में पानी घुसने से घर संपति का भारी नुकसान हो है ।। प्रफुल्ल श्रीरसागर ,शिवसेना शहर अध्यश ने मांग की के भविष्य में जनता की घर संपत्ति का नुकसान नही होना चाहिए। पिली- मस्जिद से वणा नदी तक 12 फुट बड़े नाले जल्द से जल्द निर्माण किया जाये। नगरपरिषद मुख्य अधिकारी को निवेदन देते समय शुभाष नान्दे,नजमाबी, सचिन मीदुले, सेवक खैरकार ,शेख आसिफ, शीतल नायगावकर, शेख मुख्तार, कुमुद कोटकर, तनवीर शेख, प्रभा कोटकर, राशिद खान, शहजादी बानो,भाग्यश्री नासिरकर आदि का समावेश था।