रोटरी क्लब हिंगणघाट और गीमाटेक्स इंडस्ट्रीज के सयुक्त तत्वाधान में विश्व हृदय दिवस पर विशाल स्वास्थ शिबीर का आयोजन।

  सैय्यद जाकिर

जिल्हा प्रतिनिधी वर्धा

हींगनघाट : विश्व हृदय दिवस पर रोटरी क्लब ओर गीमाटेक्स द्वारा ,मोहता भवन में भव्य निशुल्क स्वास्थ शिबीर का आयोजन किया गया।

       इसमें बिपि,शुगर ओर ईसीजी जांच की गई। ह्रदय स्वास्थ पर जागरूकता बड़ाने के उद्देश्य से नागपुर के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.महेश फुलवानी का विशेष व्याख्यान हुआ।

            कार्यक्रम के मुख्य अतिथी प्रशांत मोहता ओर मार्गदर्शक के रूप में डॉ.फूलवानी मौजूद थे,क्लब के अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा,सचिव उदय शेंडे,उपाध्यक्ष शाकिर खान पठान,संस्थापक अध्यक्ष डाॅ.अशोक मुखी,प्रकल्प निदेशक प्रवीण फटिंग,और डाॅ.स्मिता वर्मा गणमान्य व्यक्तियों ने इस पहल का बेहतरीन समर्थन किया।

           कार्यक्रम का शुभारंभ द्विप प्रज्वलन से किया गया।उपरांत जितेंद्र वर्मा ने उद्घाटन भाषण में हृदय स्वास्थ के महत्व पर प्रकाश डालकर कहा की ह्रदय रोग आज वैशिक संकट का रूप ले चुका है।तनाव,अनियमित खान पान ओर शारीरिक निष्क्रियता जैसी आधुनिक जीवनशैलीने इस चुनौती को गम्भीर बना दिया है। हम सभी को हृदय की देखभाल अच्छी तरह करना चाहिए।

           डाॅ.महेश फुलवानी ने अपने मार्गदर्शन में ह्रदय हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग यह जानकारी दी,इसकी देख भाल अत्यंत आवश्यक है। भारत में हार्ट अटैक के मामले अधिक है,जिसका मुख्य कारण तम्बाकु का सेवन,शराब ओर तायलीय भोजन,स्वास्थ जीवन के लिए सभी को नियमित व्यायाम,संतुलित आहार,कम नमक,शकर का सेवन ओर नियमित स्वास्थ जांच की अपनाना चाहिए।

          डॉ.अशोक मुखी ने विश्व ह्रदय दिवस को महत्वपूर्ण अवसर कहा है,रोटरी क्लब जन जागरूकता बड़ाने के लिए विश्व मधुमेह,फुफूस,ओर कैंसर दिवस आयोजको को भी आगे बढ़ाएगा। प्रशांत मोहता ने कहा की स्वास्थ ही सबसे बड़ी संपत्ति है,ओर इसके लिए नियमित व्यायाम ओर जीवन शैली अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

         शिबीर में श्रीकृष्ण हरदायलय,नागपुर की टीम ने 214 लोगो की बिपि,ब्लड शुगर ओर ईसीजी की जांच की,इसमें 32 लोगो में ह्रदय संबंधी गंभीर समस्याएं पाई गई।उन्हे आगे चिकित्सा जांच के परामर्श दिया गया।

        कार्यक्रम का संचालन सुभाष कटारिया ने किया ।जबकि शाकिर खान पठान ने आभार प्रदर्शन किया।कार्यक्रम के सफलतार्थ निशा शर्मा,प्रा.माया मिहानी,पीतांबर चंदानी,पुंडलिक बकाने,पंकज देशपांडे,प्रा.अशोक बोंगीरवार,अशोक चंदन खेड़े,प्रभाकर साठवने,शंकर बोंडे,विवेक तड़स,अनूप राजपुरिया,मुरली लाहोटी,चेतन पारेख,रूपेश शिवरकर,कीर्ति दिघे,प्रा.जितेंद्र केदार ओर प्रा.राजू निखाड़े ने अथक परिश्रम किया है।