हिगणघाट बस स्टैंड पर अव्यवस्था का आलम,डी.एम. और बस स्टैंड व्यवस्थापक की लापरवाही से यात्री परेशान ।।

 

सैय्यद ज़ाकिर

सह व्यवस्थापक,जिल्हाप्रतिनिधि वर्धा

      हिगणघाट: शहर के बस स्टैंड पर अव्यवस्था बड़ गयी है। हिगणघाट से वर्धा जाने वाली बसों की कमतरता और समय पर गाड़िया नही लगती है ।यात्रियों को घंटो खड़े रहना पड़ता है । चौकशी कक्ष में सही जानकारी यात्रियों को नही मिलती। डेपो से निकलने वाली बसों में साफ -सफाई नही रहती। कचरा जमा रहेता है ।जिससे यात्रियो के स्वास्थ पर असर पड़ता है ।बस में छोटे बच्चों का भी समावेश रहेता है ।

        ना.मुख्यमंत्री एकनाथजी शिंन्दे की महेरबानी से महिलाओ को आधी टिकिट की सुविधा प्रदान करने से बसों में गर्दी बड़ गयी है। लेकिन बसों की संख्या कम है ।हिगणघाट बस स्टैंड से बस में यात्रा करने वालो की क्षमता से अधिक यात्री बस में रहते है ।जिसमे कंडक्टरों को भी परेशानी टिकिट काटने में हो रही है ।हिगणघाट से वर्धा जाने वाली बसों में अधिक यात्री हो ने से महिला कंडक्टर को जाने के लिए जगह नही रहती है ।टिकिट काटते समय अचानक बुकिंग मशीन बंद पड़ जाने से कवड़घाट मार्ग पर गाड़ी को 20 मिनिट रोकना पड़ा ।क्युकी बुकिंग मशीनों की हालत खराब हो गयी है ।ये जिम्मेदारी किसकी है? बस में कभी पेशंट भी होते है। जिन्हें जाने की जल्दी होती है।ऐसी अव्यवस्थाओं से यात्रियो को परेशानि हो रही है ।

   

      मशीने अगर खराब है तो उसे हटाकर करचारियो को नई मशीने देने का काम किसका है? कर्मचारी और यात्रियो की सुविधा का ध्यान रखना यह कार्य हिगणघाट के डी.एम. अनिल आमनेरकर और बस स्टैंड व्यवस्थापक प्रमुख का कार्य है जो कि दोनों ही निष्क्रिय कार्यप्रणाली के हैं। यात्रियो इसकी चर्चा जोरों पर है ।बस स्टैंड वर्धा जिल्हा के बड़े अधिकारी यात्रियो की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे क्या? आगे से यात्रियों की यात्रा सुविधाजनक होगी क्या?।