सैय्यद ज़ाकिर
जिल्हा प्रतिनिधि वर्धा
हिंगणघाट :- शहर का सबसे मुख्य मार्ग विश्वरत्न डॉ.बाबा साहेब आम्बेडकर चौक से लेकर एस .डी. ओ कार्यालय तक 18 करोड़ 70 लाख के निधि से निर्माण कार्य शुरू हो चुका है जिसका भूमिपूजन आमदार समीर कुणावार के हाथों 13 जनवरी 2024 को पूरे ताम -झाम के साथ और मार्ग को ऐतेहासिक मार्ग बनाने की बात की गई थी।
लेकिन ऐसा हो नही रहा। सड़क निर्माण कार्य का ठेका स्वयंभू कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया है। स्वयंभू कंपनी तहसील कार्यालय की एक बाजू का आम शुरू कर चुकी है। पुरानी सड़क की छिलाई करके उसके ऊपर मटेरियल बिछाया जा रहा है।
इस कार्य मे बड़े ही पैमाने में गड़बड़ी किये जाने से निर्माण कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े हो गए है। सिव्हिल लाइन मार्ग होने से इस मार्ग पर रेल्वे स्टेशन,तहसील कार्यालय,उपविभागीय अधि.कार्यालय ,जिल्हा कोर्ट,पंचायत समिति ,जजो के बंगले,बैंक,पोस्ट ऑफिस,अस्पताल ,स्कूल मौजूद है। इस मार्ग से जाने मानी राजनीतिक हस्तियां ,अधिकारी समाज सेवको का रोज आवागमन होता है।किसी ने भी अपना ध्यान इस मार्ग की दशा पर गम्भीरता नही दिखाई।
कुछ लोग अपने घरों की सीढ़ियां, और नालियां ना टूटे इसकी चिंता में लगे हुए है ।इससे किसी को कोई लेना देना नही है। 18 करोड़ 70 लाख की निधि से बनने वाली सड़क का पहली बार इतनी बड़ी निधि से सीमेंटीकरण किया जा रहा है।सड़क सुंदर,मजबूत,टिकाऊ बनाने के लिए आमदार समीर कुणावार ने जद्दोजहद की लेकिन स्वयंभू कंस्ट्रक्शन कंपनी ने उनके मेहनत पर पानी फेरते दिखाई दे रही है।
इस मार्ग के निर्माण कार्य के लिए कमसे कम 2फुट की खुदाई जरूरी थी मगर ऐसा नही हुआ ,सड़क निर्माण कार्य मे अनेक खामियां है ।जो अवाम को दिखाई दे रही है ।लेकिन सार्वजनिक बांधकाम विभाग के इंजीनियर को सुपर विजन में नही दिख रहा है।।
वह धृतराष्ट्र की भूमिका निभाने में निपुण है इन्हें भी दुरदुर्ष्टि के लिए महाभारत के संजय की आवश्यकता है।आर. टी .आई तहत जानकारी नही दी गई।सार्वजनिक बांधकाम विभाग से 18 करोड़ 70 लाख रुपयों की निधि से निर्माण की जा रही सीमेंट सड़क के एस्टीमेट की प्रति सूचना अधिकार के अंतर्गत माँगी गयी।
आवेदन लगाने के उपरांत उपरोक्त जानकारी नही दी गयी। मुख्य अभियंता धमाने से संपर्क करने पर ज्यू इंजीनियर राउत मैडम से लेने की बात की गई और इधर राउत मैडम को धमाने से कोई आदेश नही दिया क हे कर टाल-मटोल किया जा रहा है ऐसे में ये सवाल उठ रहा है कि ?उन पर एस्टीमेट की प्रति न देने को स्वयंभू कंस्ट्रक्शन कंपनी का दबाव बना हुआ है ।