सैय्यद जाकिर
जिल्हा प्रतिनिधी वर्धा
हिंगणघाट: तहसील के ग्रामीण विभाग में आने वाले उमरी गांव के मुख्य मार्ग पर गंदगी का साम्राज्य बन गया है। गांव के मुख्य मार्ग पर गंदगी साम्राज्य होते के बावजूद सरपंच का ध्यान कहा है? ऐसा सवाल उमरी देहातों के नागरिकों का है।
गांव की नालियों में गंदगी लबालब भरी पड़ी है।गांव के छोटे बच्चे इस परिसर में खेलते है, इसका गहरा प्रभाव उनके स्वास्थ पर पड़ रहा है।
गांव में डायरिया,मलेरिया,फाइलेरिया,ओर डेंगू जैसी बीमारियों के फैलने का खतरा बड़ गया है,उमरी ग्रामपंचायत के सरपंच गांव की साफ सफाई पर बिल्कुल भी ध्यान नही है।
खुली नालियों के चलते गंदगी चारो ओर फैल रही है।इस में पनपने वाले जंतु से गांव वासियों के स्वास्थ को खतरा निर्माण हो गया है,गंदगी से मच्छरों की संख्या बड़ गई है,गांव के सरपंच प्रमोद येडे कौनसी भूमिका निभाने में माहिर है?
इन्हे भी दुर्दृष्टि वाले महाभारत के संजय की अत्यंत आवश्यकता है,जो इन्हे गांव की गंभीर समस्या से अवगत कराएं।
पंचायत समिति के बड़े अधिकारी यो की कार्यप्रणाली में निष्क्रियता दिखाई दे रही है।कल को अगर कोई जानलेवा बीमारी का शिकार होता है तो इसका जिम्मेदार कोन होगा ?
ग्रामपंचायत का सरपंच या फिर संबंधित विभाग के बड़े अधिकारी?,सरपंच की अपने गांव ओर गांव वासियों के प्रति बड़ी जिम्मेदारी होती है।लेकिन सरपंच की कार्यप्रणाली की निष्क्रियता की रेखा पार कर चुकी है,ऐसी गांव वासियों में चर्चा बरकरार है।