चिखलदरा तालुका प्रतीनीधी अबोदनगो चव्हाण
चिखलदरा
मेलघाट के चिखलदरा तहसील मे
शनिवार को फिर से मेळघाट के सोनापूर गाव मे एक बालमृत्यू होने से मेलघाट में फिर खलबली मची हुई है आखिर कब तक बालमृत्यू का सत्र चलते रहेगा… इन बालमृत्यू के पीछे जिम्मेदार कोण ?
शनिवार को हुई घटना की मिली जानकारी के मुताबिक
लक्ष्मी देवानंद दहिकर 22 साल सोनापूर गाव की रहने वाली एक लाचार मा ने विवश हो कर अपने
दो माह के बच्चे को खो दिया है. हाल ही में दो माह पूर्व सोनापुर निवासी महिला ने एक नंन्ही बेटी को जन्म दिया था वज़न कम।और कुपोषित थी परिजनों द्वारा शुक्रवार को उसे नज़दीकी उपकेंद्र। में उपचार के लिए भर्ती कराया गया कुछ वक्त गुज़रने के बाद डॉक्टरों ने उसे अचलपुर उपजिलारुग्नलये में इलाज कराने की सलाह दी रेफर के दौराण उस मासूम बच्ची की बीच रास्ते मे ही मौत होगई आज फिर से अपने एक बच्चे को खोने का दर्द ये सोयी हुयी प्रशासन के सामने चुनोती बनकर सामने आया है दिन ब दिन मेलघाट में ऐसी घटनाएं बढ़ती जारही है… गरीब लाचार लोंगो पर अनन्याय कब तक चलता रहेगा
शासन इन गरीब आदिवासी जनता के नाम पर कई लाखो का उपक्रम चलाती है फिर भी मेळघाट मे कुपोषण, बालमृत्यू की घटनाएं रुकने का नाम नही लेरहि है हाल ही मे हुयी मातामृत्यू पर भी अब तक कोई ठोस कार्यवाही नही की गई जिसे बस हार्ट की प्रॉब्लम होने की पुष्टि से बात को रफा दफा करदी गई..
आखिर क्या वजह है कि
सोनापूर गाव मे आरोग्य उपकेंद्र रहने के बावजुद और वहा आरोग्य कर्मचारी,
समुदायिक आरोग्य अधिकारी ये डॉक्टर के पद मे रहने के बावजुद आरोग्य उपकेंद्र सरकारी अस्पताल मे ये गरीब आदिवासी लोग इलाज के लिये तयार नही है ये आरोग्य कर्मचारी के बारे मे कितनी बडी दुख की बात है.
बच्चे के नाना का कहाना है की सरकारी अस्पताल मे किसी भी प्रकार का इलाज नही। होता है…
यहाँ के डॉक्टर सिर्फ नाम के लिये आते और अपना पगार महिने मे उठाते है.. ऐसा आरोप परिजनों ने लगाया है
साथ हि नागरिको ने आरोप लगाया है कि सोनापूर का उपकेंद्र सिर्फ आरोग्य सेविका के भरोसे चलता है उपकेंद्र मे सिर्फ आरोग्य सेविका रहती है और वही सब छोटे बच्चों से लेकर बडे पेशंट का इलाज करती है….
फिर यहा नाम के समुदायिक आरोग्य अधिकारी किसके भरोसे और किसके आशीर्वाद से पगार उठा रहे है…
ऐसे सी एच् ओ के उपर सम्बंधित अधिकारियो का हाथ रहने की वजहसे इस उपकेंद्र मे मरिजो के साथ खिलवाड हो राहा है…ऐसा आरोप दुख में डूबी माँ अपनी आप बीती बयान मे की है
कई स्थानों पर आरोग्य सेविका ही प्रसूती करती है ,मरिजोको दवा भी आरोग्य सेविका ही देती है…
यहा डॉक्टर
समुदायिक आरोग्य अधिकारी 12 बजे आते है और 2 बजे घर वापसी पर चले जाते है …
जबकि शासन द्वारा समुदायिक आरोग्य अधिकारी का टाइम् सुबह के 8 बजेसे शाम के 5.30 बजे तक होता है कभी कभार किसी बड़े अधिकारी या किसी नेता का ईस एरीया मे दौरा होता है इस मार्ग पर आजाने से दिखावे के तौर पर स्थाईक रहने पर भी डॉक्टर स्थाईक लोगो को कोई सुविधा इलाज नही देते है ऐसी लपरवाही की वजह से मेळघाट मे बालमृत्यू और मातमृत्यू आएदिन बढरही है..
इन सारी लापरवाही का कोण जबाबदार है….