सैय्यद ज़ाकिर
सह व्यवस्थापक ,जिल्हाप्रतिनिधि वर्धा।
हिगणघाट : शहर के उपजिल्हा अस्पताल और कलोडे मार्ग पर इन दिनों एक के बाद एक दुर्घटनाओ से इस मार्ग पर दहशत व्याप्त है ।रोड क्रॉस करते समय वाहन चालकों को और पैदल चलने वाली जनता के मन मे भय निर्माण हो गया है ।कि ना जाने कब कोई रावण रूपी वाहन प्राण ना हर्ले। जनता और वाहन चालकों को भारी परेशानी होती है । अपनी वाहन को उसपार कैसे लेजाना ,इसका सही अंदाजा लगाना काफी मुश्किल हो गया है ।।
राष्ट्रीय सड़क मार्ग ,परिवहन केंद्रीय मंत्री नितिनजी गड़करी के महेरबानी से ओवर ब्रिज निर्माण किया गया था। शहर के छूट- भैय्ये लीडरों ने अपने और अपने चमचो के निजी स्वार्थ को लेकर ब्रिज के निर्माण कार्य मे बाधा निर्माण कर अस्पताल मार्ग का ब्रिज का आधा-अधूरा कार्य करवाके ,जनता के जान की परवाह किये बिना अपनी गंदी राजनीति से दिशा भूल किया ।अब इस मार्ग पर दुर्घटनाये बढ़ती ही जा रही है ।नागपुर और वर्धा से आवागमन करने वाले वाहनों की गति तेज़ होने से रोड क्रॉस करने वाली जनता असमंजस्य में पड़ जाती है ।कि कैसे रोड क्रॉस करे। सही निर्णय (डिसीजन) नही ले पाते है ।और दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है ।। आधे-अधूरे ब्रिज को पूरा करने में ही दैर्घटनाओ पर अंकुश लगेंगा। दुर्घटनाओं को निमंत्रोत में बड़े अधिकारियों का समावेश है ।यहां ट्रैफीक सिग्नल नही है ।लीमिटेड कम गति के संकेत बोर्ड नही है ।सी.सी.टिव्ही कैमेरे नहो हैओ गति रोधक सपाट हो गए हों ।बेरिगेट्स नही है ।ये बड़े अधिकारियो की लापरवाही है या फिर निष्क्रिय कार्यप्रणाली का नतीजा है ।शहर के थानेदार यहां यातायात कर्मी की नियुक्ति करे। अन्यथा दुर्घटनाये होती रहेंगी ।जनता की सुरक्षा का प्रश्न चिन्ह निर्माण हो गया ।उपजिल्हा अस्पताल में गम्भीर मरीजो के लिए व्यवस्था नही है ।इसलिए मेडिकल कॉलेज होना अनिवार्य हो गया है ।पोलीस विभाग ,परिवहन मंत्रालय ,या बडे अधिकारी या फिर शहर के कार्य सम्राटआमदार समीर कुणावार,इसका जिम्मेदार कौन होंगा?