सैय्यद ज़ाकिर
जिल्हा प्रतिनिधि वर्धा
हिगणघाट :– शहर के कई वार्डो में पानी की समस्या दिनोदिन बढ़ती ही जा रही है ।सुख-सुविधा से परिपूर्ण घरों में पानी की मोटर लगी है।नल में पानी एक दिन के अंतराल में अंतराल में आता है ।।
नल में पानी के आते ही कुछ बुद्धिजीवी मोटर की शुरुवात कर देते है ।जिसमे पानी का प्रवाह एक ही तरफ चला जाता है।ऐसी कई पानी की मोटरे लगती है।जिसमे पानी की भी मानसिक दशा बिगड़ जाती है।कहाँ जाऊ-कहाँ नही जिधर फोर्स होता है उधर हो जाता है।।
अब तो सरकारी नलों पर भी लोग पानी की मोटर ला रहे है सरकारी सुविधाओं पर सभी का अधिकार होता है ।किसी एक कि जागीर नही होती सरकारी नल का दुरुपयोग हो रहा है।इनको किसका आशीर्वाद है जनता के प्रतिनिधियों का या फिर नगरपरिषद का आशीर्वाद है क्या ?जिनके यहां पानी की मोटर नही है उनका क्या?जल सभी के लिए जरूरी है।पानी की कमतरता समस्या निर्माण करता है पानी ज़ियादा हो जाये तो जीवन मे तबाही भी लाता है फिर चाहे आसमानी ही क्यों ना हो इसका सही उपयोग ही श्रेष्ठ गुण है।।
सरकारी नलों पर मोटर के पाईप लगे रहने से दूसरों के गुंड – और बाल्टियां दूसरी तरफ आशा से पड़े रहे कर अपने नंबर का इंतजार करते रहते है कि मेरी बारी कब आएगी?। नगरपरिषद पानी की मोटर जपति की कार्यवाही कर पायेगी क्या? नगरपरिषद के अधिकारी सभी को पर्याप्त मात्रा में पानी प्राप्त करने की सुविधा दे पाएगी क्या?